Tuesday, October 8, 2024

ईसाई मत का सत्यस्वरूप

 



ईसाई मत का सत्यस्वरूप

-डॉ श्रीराम आर्य 

ईसाई लोगों को करोड़ों अरबों रुपया निदेशों से इसलिए मिलता कि लोग लालच देकर भारत के निर्धन लोगों का धर्म के नाम पर गुमराह करके ईसाई बनावें । ये लोग अपने विदेशीय मजहब के प्रचार के लिए सभी हथकन्डे काम में लाते हैं। इनका कार्यक्षेत्र गरीब व अनपढ़ हिन्दुओं में होता है। जो विचारे इनके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। आजकल इनके नोटिस व पुस्तक हिन्दुओं में आमतौर से बंट रही हैं। इसलिए इनके मजहब के बारे में सर्वसाधारण को कुछ जानकारी देने के लिए यह टैक्ट प्रकाशित किया जा रहा है ।

बाइबिल के अनुसार मरियम नाम की एक कुंवारी औरत जो किसी प्रकार से अपने बाप के घर पर गर्भवती हो गई थी । उसका विवाह बिना गर्भ की बात बताये धोखे से उसके मां बाप ने यूसुफ नाम के एक बढ़ई से कर दिया था। (नोट-एक मान्यता यह भी है कि मरियम का विवाह पूर्व सम्बन्ध युसूफ बढ़ई से हुआ था। जिससे यीशु का जन्म हुआ। कुंवारी के गर्भ धारण करने को चमत्कार बता दिया गया।- सं) विवाह के बाद मरियम ने अपने कुंवारेपन के गर्भ से ईसा नाम के एक बच्चे को जन्म दिया था। संकोचवश देवी मरियम ने ईसा के वास्तविक पिता का नाम कभी किसी को नहीं बताया था। अस्तु उसी ईसा के नाम से बाद को लोगों ने ईसाई मजहब चलाया था। वह 13 से 31 साल की उम्र तक भारत में रहा था और यहीं उसने शिक्षा प्राप्त की थी। यहां से वापिस जाकर उसने इस्राएल में नये मत का प्रचार किया। वहाँ की हकूमत ने उसे सूली पर चढ़ा दिया । मूर्च्छित हो जाने पर उसके शरीर को उसके शिष्यों को दे दिया था। उन्होंने उसे होश में लाकर ठीक कर लिया था । 40 दिन तक वह इजराइल देश में घूमता रहा था। बाद को कश्मीर चला आया जहां उसकी कालान्तर में मृत्यु हो गई थी। ईसा की कब्र आज भी कश्मीर प्रदेश में भारत में मौजूद है।

ईसाई खदा के बारे में इनको धर्म पुस्तक बाइबिल में लिखा है कि खुदा गोश्त व चरबी खाता था। (अय्यूब  42/8 ) कपड़े पहनना (यक्षायाह 6/1 )  सैर करने को बागों में जाता है (उत्पत्ति 3/8 ) |खुदा के मकान में फाटक लगे हैं ताकि चोर घर न जाये | (यहेजकेल 10/19) | ख़ुदा अपनी रक्षा को स्वर्ग में बीस करोड़ घुड़सवार कौन रखता है। (प्रकाशित वाक्य 9/16 ) । लम्बी तलवार लेकर आदमियों से लड़ता है (यशायाह 27/1)  लड़ाइयों में विचारा खुदा आदमियों से हार व पिट भी जाता है । (न्यायियों 1/7 ) ख़ुदा ने अपनी एकमात्र पत्नी मरियम से केवल एक हीऔलाद ईसा पैदा कर पाई थी। (यूहन्ना 3/4) ख़ुदा का बेटा ईसा शराबी  था (मत्ती 11/19)। ईसा अपने विरोधियों को अपने सामने कत्ल कराता था (लूका 19/27) । ईसाई खुदा जमीन पर लोगों की उन्नति व संगठन देखकर जलता था ( प्रकाशित वाक्य 6/4) | खुदा लोगों में फूट डालता रहता था ( उत्पत्ति 11/9) । खुदा लोगों को दावत खिलाता व शराब पिलाता था ( याशायाह 25/6) | खुदा अदालतों में मनुष्यों से मुकद्दमे लड़ा करता था यहेजकेल 17/20) । देवी देवताओं का पूजा करने वालों से ख़ुदा जला करता था (2 राजा 22/17 ) | ख़ुदा अत्यन्त जाहिलाना ढङ्ग से निर्दोष स्त्री बच्चों हों तथा जानवरों को भी कत्ल कराता था ( 1 शेमूएल 15/3)  पराई बहू बेटियों को व्यभिचार के लिए लूटने का आदेश देता था । ( व्यवस्था विवरण 20/14 ) ईसाईयों का खुदा पराई औरतों को नंगा कर बदला लेगा। (यशायाह 3/16-17) । खुदा अपनी गलतियों पर पछताया करता था ( 1 शेमुएल 15/35 ) ईसाई ख़ुदा अज्ञानी भी था ( सभोपदेश 3/15) । बिना (जमीन पर) मकान वाला खुदा इधर उधर मारा-मारा फिरता था (1 इतिहास 17/5) । याकूब नाम के एक आदमी से खुश की सारी रात कुश्ती होती रहो, खुदा उसे पछाड़ नहीं पाया, कुश्ती बराबर पर छूटी (उत्पत्ति 32/25 ) खुदा ने ऊपर को अपना हाथ उठाकर शपथ खाई कि अपने दुश्मनों से जरूर बदला लूँगा (व्यवस्था विवरण 32/23-26) । ईश्वर भी कई एक हैं और ईसाई ख़ुदा उनमें से एक है।(भजन संहिता 82/1) । ईसाई खुदा धर्मात्मा व पापी सभी का दुश्मन है सभी का सर्वनाश करेगा ( यहेजकेल 21/5/3-4) । खुदा सीटी बजाया करता है । ( जकर्याह 10/8 ) ख़ुदा कबूतर की तरह ऊपर से उतरता है (लूका 3/22) । ईगाई ख़ुदा मेज कूर्सी रखता है (मलाकी 1/12 ) ईसाई ख़ुदा के पास स्वर्ग दूतों को बाहर से भी ज्यादा फौजी  पल्टन हैं (मत्ती 26/53) । खुदा ताली बजाता है (यहेजकेल 21/17 ) ख़ुदा स्वर्ग में रहता है ( सभोपदेश 5/2) । मोक्ष दिलाने की सोल एजेन्सी ईसा पर थी (यूहन्ना 3/36  ) ईसाई बाप अपनी जवान खास बेटी के साथ व्यभिचार तथा विवाह कर सकता है ( 1 कुरेन्थिया 7/36-38 )। ईसाई खुदा ने लोगों को शराब पिलाई ( योएल 2/19 ) । सर्प की पीतल की मूर्ति देखने से सर्प काटे का जहर उतर जाता है ( गिनती 21/9 ) । शराब पीने वालों को मोक्ष नहीं होगी (1  कुरेन्थियो 6/10 ) । ईसाई मत का प्रचार धोखे से भी करो (फिलिप्पियों 1/18 ) रविवार के दिन काम करने वालों, घरों में आग तक जलाने वालों को भी जान से मार डालो (निर्गमन 35/2-3 ) । खुदा के इकलौते बेटे इंसा को मनुष्यों ने सूली दे दी, उसके हाथ पैरों में कील ठोंक दी, वह सूली पर रोता चिल्लाता रहा पर खुदा उसको मदद को नहीं आया (लुका, मारकुस, यूहन्ना आदि ) ।


व्यक्तव्य - हमने पीछे देखा कि इसाई मजहब का ख़ुदा एक मामूली आदमी जैसा है । वह कपड़े पहनता है (कोट, पेन्ट पहिनता है या धोती कुर्ता पहनता है यह नहीं बताया गया है ) अपने शत्रुओं से लड़ने को लम्बी तलवार रखता है, युद्ध करता है, मकान में रहता है उसके मकान में कई फाटक हैं ताकि कोई आदमी घुसकर खुदा का कत्ल न कर डाले। अपनी रक्षा को बीसियों पल्टने व बीस करोड़ घुड़सवार सेना रखता है ( प्रकाशित वाक्य ) दुश्मनों से जलता है कसमें 

खाता है बात कहकर फिर पलट जाता है। सेब , संतरे, अंगूर जैसे उत्तम फल, बादाम, किशमिश, अखरोट, पिस्ता, काजू जैसी मेवा उसे पसंद नहीं हैं।  बालुशाही, इमरती, कलाकन्द, रसगुल्ले जेसो जायकेदार मिठाइयां उसकी तकदीर में नहीं हैं। उसे गन्दा सड़ा गोस्त व चरबी पसन्द आती है जैसा कि बाइबिल में लिखा है ।


ईसाई खुदा एक बार लड़ाई में आदमियों से बुरी तरह हार हार भी गया था ( न्ययियो 1/19 ) | विचारा ईसाई खुदा बिना मकान के जमीन पर सैकड़ों वर्षों तक इधर-उधर मारा-मारा फिरता रहा था। खुदा इतना बेरहम है कि बेगुनाह औरतों, चच्चों, जानवरों को भी कत्ल करा देता था। याकूब से रातभर कुश्ती लड़ने पर भी उसे गिरा नहीं पाया था। इससे खुदा की शारीरिक ताकत का अनुमान लगाया जा सकता है। लोगों को दावतों में खुद ही शराब पिलाता था और फिर शराबियों को स्वर्ग में जाने से रोकता भी था | अजीब ईसाई खुदा था । ईसाइयों के खुदा का इकलौता बेटा ईसा भी शराबी कबाबी था । वह लोगों को मोक्ष दिलाने का ख़ुदा की ओर से अपने को एकाधिकारी भो बताता था। ईसाई मत में बाप बेटा के व्यभिचार व शादी को बुरा नहीं माना जाता है। इसी से समझा जा सकता है कि यह मजहब भारतीयों के लिए कितना अयोग्य है।

जो ईसाई खुदा अपनी जवान का पायबन्द न हो, झूठी कस्में खाता हो लोगों से द्वेष रखता हो, निर्दोषों का कत्ल करता हो, अपनी भूलों पर पछताता हो, गलतियां भी करता हो, जो खुदा धर्मी अधर्मी सभी का सर्वनाश कर डालने वाला हो, शराब पिलाकर लोगों की आदतें बिगाड़ता हो, गुस्सेबाज हो, लड़ाइयों में हार जाता हो, रक्षा को सेना रखता हो ऐसे बाइबिल वर्णित खुदा और उसके मजहब ईसाई मत पर केवल ईसाई ही ईमान ला सकते हैं हिन्दू नहीं। कोई भी आदमी ऐसे ख़ुदा पर अपनी रक्षा के लिये कैसे भरोसा कर सकता है जिसे अपनी ही रक्षा को मकान में फाटक व फोन रखनी पड़ती हों। खुदा अपने इकलौते बेटे ईसा को भी यहूदियों द्वारा सूली पर चढ़ाने से नहीं बचा सका वह दूसरों की क्या रक्षा करेगा?

ईसाई लोगों से हमें एक बात पूछनी है। वह यह है कि ख़ुदा के इकलौते बेटे ईसा की माँ मरियम के खुदा से केवल एक ही पुत्र ईसा क्यों पैदा हुआ था ? खुदा  उसके इकलौते बेटे ईसा के कत्ल हो जाने के बाद दूसरी औलाद से से खुदा का वंश चलता रहता । पराई शरीफ औरतों को निवस्त्र करने में खुदा को लाज भी क्यों नहीं आती थी? इससे तो खुदा अच्छा आदमी नहीं सिद्ध होता है। रविवार के दिन काम करना यदि पाप था तो सारे ईसाई जो निजी व गिरजा घरों में आग या बिजली जलाते हैं पत्थर वाह करके मार डाले जाने योग्य है, क्योंकि यह खुदा की आज्ञा है। क्या यह सम्भव है? कसमें हमेशा झूठें आदमी खाते हैं। ईसाई खुदा भी कसमें खाने वाला होने से निम्न आदमी जैसा था। इसीलिए लोग उसका विश्वास नहीं करते हैं।

ईसाई मजहब से किसी की मुक्ति नहीं हो सकती । ईसाई लोगों को ईश्वर, जीवात्मा, स्वर्ग-नरक, कर्म-फल व्यवस्था आदि किसी बात के बारे में सही जानकारी नहीं होती है। उनकी धर्मपुस्तक बाइबिल में विज्ञान विरुद्ध बातों का भण्डार भरा पड़ा है। उसका खुदा इस जमीन के साधारण आदमी से भी कुश्ती में हार गया था। जिस मजहब में बाप बेटी का व्यभिचार को भी नाजायज न माना जाता हो, दुनियाँ में किसी के लिए भी मानने के योग्य कैसे हो सकता है। हिन्दुओं को ऐसी बातों के प्रचार करने वालों से उनकी किताबों से,  उनके लोभ लालच से सदैव बचाना चाहिए। ईसाई मजहब की मान्यतायें वृद्धि व विज्ञान के विरुद्ध हैं। ईसाई मत दुनिया को बने छः हजार साल मानता है, जबकि विज्ञान ने उसे दो अरब वर्ष पुराना मिल कर दिया है। इस विदेशी मजहब को चले अभी दो हजार वर्ष भी नहीं हुए हैं।  जबकि हमारा वैदिक धर्म दो अरब वर्षो से पृथ्वी पर चला आ रहा है। ईश्वर जीवात्मा मोक्ष आदि के बारे में वैदिक धर्म की मान्यतायें सर्वोत्तम हैं। कर्मों का फल सभी को भोगना पड़ता है, बिना भोगे कर्म नष्ट नहीं होते हैं। ईसाई मत का यह कहना है कि ईसा मसीह पाप दूर कर देगा कोरा धोखा है। ईसा ने यहूदी हुकूमत के विरुद्ध प्रचार किया था तथा पुरानी मान्यताओं के खिलाफ बातें कहीं थीं और उन्हीं कर्मों का फल उसे यह मिला था कि उसे कीलें ठोंक कर सूली दे दी गई। तो जो ईसा खुद को भी अपने कृत कर्मों के फल पाने से न बचा सका मौत से डर कर रोता रहा दूसरों के पाप दूर कर देगा या दुनियाँ के पाप लेकर मर गया यह अक्ल रखने वाला कोई भी हिन्दू नहीं मानेगा। बाइबिल की मनुष्य तथा जगत उत्पत्ति की सारी कल्पनायें बच्चों का मन बहलाने योग्य बातें हैं। बाइबिल एक ईश्वर के बजाय कई ईश्वरों को मानती है। उसका खुदा सर्व व्यापक परमात्मा नहीं है न वह सर्व शक्तिमान है । लड़ाई-झगड़े करना, ईर्षा द्वेष रखना मनुष्यों के संगठन व उन्नति से चिड़ना उसका काम है । जो खुदा इन्सान से कुश्ती में भी न जीत सका हो उस मामूली आदमी जैसे कमजोर को खुदा सिवाय ईसाई लोगों के और कौन मान सकता है ? जब पीतल की सर्प मूर्ति देखने से सर्प के काटने का विष उतर सकता है तो मूर्ति की उपयोगिता सिद्ध हो जाती है। तब बाइबिल में मूर्तिपूजा का खण्डन क्यों किया गया है। सर्प मूर्ति देखने से विष नष्ट होने की बात भी चण्डखाने की गप्प है, असम्भव है, तर्क व युक्ति के विरुद्ध है।

ईसाई बंधुओं! तुम्हारी पुस्तक बाइबिल एक प्रकार का इतिहास है, वह धर्म पुस्तक का स्थान नहीं रखती है। उसमें सिवाय पुरानी कहानियों , लूटमार-मारकाट, गीत, हिंसा, बेतुके उपदेश, ईश्वर की पवित्र सत्ता को बदनाम करने की बातें, गोश्त व शराब खोरी का प्रचार, सृष्टि नियम बुद्धि तथा विज्ञान विरुद्ध घटनाओं का वर्णन आदि भरे पड़े हैं, जिनको मानकर मनुष्य परमेश्वर से दूर हो जाता है। समाजोत्थान, आत्मोत्थान, शिक्षा विज्ञान आदि किसी भी प्रकार की कोई भी शिक्षा बाइबिल में नहीं मिलती है। संसार का कोई समझदार गैर ईसाई उसे पढ़ने के बाद सन्तुष्ट नहीं होता है । ईसाई महापुरुषों के खराब चरित्रों की, लुत जैसे व्यक्ति के शराब पीकर अपनी पुत्रियों से व्यभिचार की गन्दी कथायें उसमें दी गई हैं (उत्पत्ति 19/36) जिन्हें पढ़कर बालक बालिकाओं के चरित्र भ्रष्ट होने की सम्भावनायें भी रहती हैं। अविराहम ने अपनी बेटियां व्यभिचार को गुण्डों को पेश की (उत्पत्ति 19/1-11) रुबेन ने अपनी मां से व्यभिचार किया (उत्पत्ति 35/22) यहूदी ने बेटों की बहु से व्यभिचार किया (उत्पत्ति 38/18)। दाऊद ने उरिया की बीबी से व्यभिचार किया। (2 शमूएल 11/27) आम्नोन ने अपनी बहिन तमार से व्यभिचार किया (2 शमूएल 13/14) व्यभिचार की गन्दी कथाओं के होने से बाइबिल औरतों व जवान लड़के लड़कियों के पढ़ने योग्य पुस्तक नहीं रह गई है, ऐसा अनेक पादरी भी मानते हैं । 

अतः किसी को भी बाइबिल नहीं पढ़नी चाहिए और हिन्दुओं को विदेशीय ईसाई मजहब से सावधान रहना चाहिए। यह लोगों को परमेश्वर से हटाकर मनुष्यपरस्त बनाता है।

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