Sunday, February 17, 2019

कश्मीर समस्या का समाधान



कश्मीर समस्या का समाधान

डॉ विवेक आर्य

केंद्र सरकार ने अलगावादियों की दी जाने वाली सुविधाएँ बंद कर दी है। देर से ही सही पर यह सही कदम है। इन सुविधाओं पर सरकार 100 करोड़ रुपये से अधिक सालाना खर्च करती है।सरकार के पैसे से अलगाववादी फाइव स्टार होटलों में ठहरते हैं और सरकारी गाडि़यों में घूमते हैं। यदि अलगाववादी बीमार हो जाएं तो उनका देश विदेश में इलाज का खर्च भी सरकार उठाती है। फिलहाल अलगाववादियों की सिक्योरिटी में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार के सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों पर हो रहे खर्च का कुछ हिस्सा केंद्र उठाता जबकि जम्मू-कश्मीर सरकार कुल खर्च का लगभग दस प्रतिशत उठाती है। सूत्रों के अनुसार पिछले छह सालों में अलगाववादियों पर केंद्र और राज्य सरकार लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 2010 से 2015 तक कश्मीर में अलगाववादियों के घर की सुरक्षा के लिए 18 हज़ार पुलिसकर्मियों को बतौर गार्ड तैनात किया गया था। इन सुरक्षाकर्मियों की सैलरी पर राज्य सरकार ने 309 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके अलावा अलगाववादियों के पीएसओ पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस पांच वर्षों के दौरान अलगाववादियों की गाडि़यों में इस्तेमाल होने वाले तेल का खर्च 26 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किया गया।

कश्मीर की समस्या का समाधान अलगाववादियों को मलाई खिलाने में नहीं है ,अपितु उन पर अंकुश लगाने में हैं। यह जगजाहिर है कि कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में अलगाववादियों का बड़ा हाथ है। मगर बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि अलगाववादियों को कश्मीर में क्या क्या सुविधाएँ दी जा रही थी। इस गैंग ने ऐसा किया क्या था जो इन्हें केंद्रीय मंत्री के समान सुविधा प्राप्त थी ? इन सुविधाओं की जिस  भी सरकार ने लागु किया था।  यह उनकी नीतिगत भारी भरकम गलती थी। क्यूंकि इससे बीमारी का कोई समाधान नहीं हुआ। अपितु यह लाईलाज बन गई।

इस बीमारी का एक ही ईलाज हैं।

१.  धारा 370 और 35-A को तत्काल प्रभाव से हटाया जाये। जम्मू कश्मीर में सभी भारतवासियों को बसने का पूरा अधिकार हो। ताकि जनसँख्या समीकरण में बदलाव किया जा सके। समान नागरिक संहिता को लागु किया जाये।
२. जम्मू-कश्मीर के 3 टुकड़ें कर उसे 3 प्रदेशों में विभाजित कर दिया जाये।
३. अलगाववादियों को जेलों में ठूस दिया जाये।
४. देश में विभिन्न राज्यों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र जब भी अलगाववाद की कोई बात करें तो उन्हें कठोर दंड दिया जाये।
५. कश्मीर में सभी मदरसों में राष्ट्रवादी शिक्षा का प्रावधान किया जाये।
६. कश्मीर में आर्मी को खुली छूट देशहित को ध्यान में रखते हुए दी जाये।
७.  पाकिस्तान और उसके आका चीन को यथोचित सबक सिखाया जाये।

ये सभी कदम शीघ्रता से उठाये जाये अन्यथा कहीं देर न हो जाये।

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