Thursday, November 20, 2014

महात्मा गांधी कि अनोखी व्यवस्था



महात्मा गांधी कि अनोखी व्यवस्था
महात्मा गांधी ने अपने पत्र हरिजन में एक अनोखी व्यवस्था दी थी। एक कवारी लड़की का मामा जिसकी आयु २१ साल की थी एक कॉलेज में पढ़ता था। उस लड़के के बहकावे में आकर उसकी कवारी भांजी उसकी काम वासना का शिकार हो गई और लड़की को गर्भ ठहर गया। अंत में बात खुल गई और दोनों ने आत्महत्या कर ली। महात्मा गांधी की इस विषय में यह सम्मति थी।
"मेरी तो यह सम्मति हैं कि ऐसे सम्बन्ध जिस समाज में त्याज्य माने जाते हैं वहां पर ऐसे सम्बन्ध सहसा ही विवाह का रूप नहीं ले सकते परन्तु किसी की स्वतंत्रता पर समाज या इसके सम्बन्धी आक्रमण क्यों करे, ये मामा और भांजी जवान थे। अपना हिताहित समझ सकते थे। उन्हें पति-पत्नी के सम्बन्ध से रोकने का किसी को अधिकार नहीं था।"
समीक्षा--
एक और गांधी जी ब्रह्मचर्य पर इतना जोर देते हैं। वही दूसरी और व्यभिचार करने वालो को खुली छूट देना चाहते हैं मनमानी करे। आप लिखते हैं कि "किसी की स्वतंत्रता पर समाज या इसके सम्बन्धी आक्रमण क्यों करे " इसका अर्थ तो यह हैं कि उचित और अनुचित इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति को खुली छुट होनी चाहिए। किसी को किसी की आज़ादी में दखल देने का कोई हक नहीं होना चाहिए। मालूम यह अनुत्तरदायित्वपूर्ण व्यवस्था महात्मा जी जैसे उच्च कोटि के व्यक्ति के कलम से कैसे निकल गई?
यदि ऐसे ही विचारों का प्रचार शुरू हो जाय तो आज ही समाज नष्ट भ्रष्ट हो जाये। एक चोर को चोरी से इसलिए मना करना की उसकी आज़ादी में फर्क जायेगा उसका फल इसके सिवा और क्या हो सकता हैं कि तमाम घर लुट जावें।

सन्दर्भ- सार्वदेशिक पत्रिका, जून, १९३७ अंक

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