कहानी
पिता का प्रेम
-निशाकान्त मिश्र
किसी गांव में एक बूढ़ा आदमी रहा करता था। उसकी कोई सन्तान न थी। वृद्धावस्था में उसके एक लड़का हुआ। लड़का धीरे - धीरे बढ़ने लगा। बड़े होने पर उसने मकान बनाने वाले कारीगर का काम सीख लिया। उसी गांव में एक धनी सेठ रहा करता था। उसके एक लड़की थी। सेठ ने लड़की के विवाह का आयोजन किया। विवाह के पूर्व उसने अपना घर ईंट का बनवाना चाहा। कारीगर के रूप में बूढ़े का लड़का नियुक्त हुआ। जब दो मंजिलें बन चुकी तो सेठ ने कहा- “ तीसरी अन्तिम मंजिल शीघ्र बन जानी चाहिए - बेटी के विवाह वाला दिन समीप है। अतः दोपहर भी काम जारी रहता तो अच्छा था इसके लिए दो गुनी मजदूरी मिलेगी। " गर्मी का मौसम तो था ही । सूर्य अपनी किरणों से पूरी पृथ्वी को जला रहा बूढ़े ने देखा — काफी देर हो गयी है , अभी भी उसका लड़का काम करके नहीं आया- -तो वह उसके पास गया। उसने बड़े ही मीठे स्वर में आवाज दी " वेटे ! चला आ — काफी देर हो गई — अभी तक तू काम कर रहा है। लड़के ने नीचे खड़े पिता की ओर देखकर जबाब दिया- " पिताजी ! सेठ की लड़की की शादी नजदीक है अतः सेठ ने कहा है कि दोपहर को भी यदि काम जारी रहता तो अच्छा था । " लड़के ने आगे कहा- " इस लिए आ नहीं सकता। ' बूढ़े पिता ने कहा — बड़ा हठ किया कि वह काम न करे। किन्तु लड़के ने कोई ध्यान नहीं दिया। बूढ़ा चुप - चाप घर चला गया। जब बूढ़ा वापस पुनः लड़के के पास आया तो उसकी गोद में छह महीने का एक नन्हा शिशु था। लड़के ने जब अपने बच्चे को धूप में लेकर पिता को खड़े देखा तो आग बबूला हो उठा। उसने कहा- " पिता जी ! आप इतने मूर्ख हैं कि इस छोटे से बच्चे को धूप में लेकर खड़े हैं। " बूड़े ने जबाब में कह दिया— “ मैं नहीं जाऊंगा। " लड़का उत्तेजित हो उठा और उसने कहा- " क्यों नहीं जाओगे ? देख नहीं रहे कि इसे कितनी गर्म धूप लग रही है ? - " बूढ़े ने कहा " जब मेरा लड़का धूप में है , तो तेरा भी धूप में रहेगा। " यह कहकर बूढ़ा चुप हो गया। पिता की बात सुनकर लड़का प्रेम विह्वल हो उठा। उसने पिता की बात समझ ली थी। मन में सोचने लगा " जिस प्रकार मुझे अपने बच्चे को धूप में देखकर दुःख हो रहा है उसी प्रकार पिता जी को मुझे धूप में काम करते देख कर दुःख हो रहा है ...। उसने काम करने का सारा सामान फेंक दिया। तीसरी मंजिल से लड़खड़ाता नीचे आया और पिता के चरणों में गिर पड़ा। बूढ़े ने उठाकर उसे छाती से लगा लिया . दोनों का चेहरा आंसुओं से भीग गया।
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