Monday, November 18, 2013

फलित ज्योतिष पाखंड से जयादा कुछ नहीं हैं




दुसरो का भविष्य बताने वाले आशु भाई ज्योतिष आचार्य , वरुण एन्क्लेव रोहिणी के यहाँ से ५० लाख रूपए की चोरी हो गयी हैं। गौर तलब हैं कि आशु भाई ज्योतिष आचार्य लोगों को किसी भी प्रकार की विपत्ति अथवा कठिनाई न आये अथवा कोई कठिनाई आ जाये तो उससे निपटने का समाधान बताते हैं। आशु भाई महाराज एवं उनके जैसे अन्य ज्योतिषियों से हमारे कुछ प्रश्न हैं-

१. सभी ज्योतिषी दुसरो का भविष्य भली प्रकार से बताने का दावा करते हैं जबकि वे खुद का भविष्य नहीं बता पाते, आखिर क्यूँ?...

२. आशु भाई अपनी ही जन्मपत्री, हस्त रेखा, माथा आदि देखकर यह क्यूँ नहीं बता सके की उनके यहाँ पर चोरी होने वाली हैं?

३. चोरो को पकड़ने के लिए उन्हें थाने में जाने की क्यूँ जरुरत पड़ी वे अपनी दिव्य शक्तियों से चोर कहाँ छिपे हैं उनका पता क्यूँ नहीं लगा सके?

४. दो व्यक्तियों पर चोरी का अंदेशा लगाया जा रहा हैं वे दोनों तीन वर्ष से आशु भाई के पास कर्मचारी के रूप में रह रहे थे। जब उनको आशु भाई ने नौकरी पर रखा तो उनकी जन्म पत्री देख कर आशु भाई यह क्यूँ नहीं जान पाए की यह भविष्य में चोरी करेगे?

५. आशु भाई एक विपदा निवारक यन्त्र यह कह कर बेचते हैं कि इससे आपके घर विपदा नहीं आयेगी। ये जो ५० लाख रुपये उनके ऑफिस हुए हैं ये उसी यन्त्र को बेच कर कमाये थे। उनका तो पूरा ऑफिस इन्हीं यंत्रों से भरा पड़ा हैं फिर भी उनके यहाँ पर चोरी कैसे हो गई?

सत्य यह हैं कि आशु भाई या इनके जैसे अन्य ज्योतिषी केवल मात्र साधारण जनता को मूर्ख बनाने का कार्य करते हैं।

इनसे सावधान रहे और अन्य को भी इस प्रकार की ढोंगियों से सावधान करे।

(पाखंड खंडन के लिए जनहित में जारी)

TIMES OF INDIA newspaper link

http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2011-03-07/delhi/28665156_1_rs-50l-office-door





1 comment:

  1. बहुत हद तक आप सही हैं| लेकिन सिर्फ़ इन्हीं बातों पर आप पूरे फलित ज्योतिष को निरर्थक नहीं कह सकते| अगर आधुनिक विज्ञान को ही आप सबसे प्रमाणिक मानते हैं तो इसमें भी जो डाक्टर सारी ज़िन्दगी सबके दिलों का इलाज करता रहा वो दिल की बीमारी से क्यों मरता है .... ऐसे अनेक उदहारण आपके सामने आये होंगे|
    कोई भी विज्ञान समय की सीमा को नहीं लांघ सकता| समय निरंतर सभी दिशाओं में सामान रूप से गतिमान रहता है, किन्तु विज्ञान अथवा कोई भी वैज्ञानिक पद्धिति नवीन अथवा प्राचीन, एक समय में केवल एक दिशा में ही कार्य करती है| इसीलिए विज्ञान की सभी शाखाएँ केवल संभावनाएं व्यक्त कर सकती हैं|
    एक तीर एक समय में केवल एक ही बिंदु को स्पर्श कर सकता है उसको भेद सकता है| एक तीर से एक समय में अनेक बिन्दुओं को स्पर्श करा देने की अभिलाषा व्यर्थ ही है|
    विज्ञान बहुत ही उत्तम विषय है जीवन के आयामों को समंझने में मनुष्य की सहायता करता है| किन्तु उसका आडम्बर किसी के लिए परेशानी भी पैदा कर देता है| आधुनिक चिकित्सा और चिकित्सल्यों का उदाहरण आपके सामने है|
    निवेदन केवल मात्र इतना है| विज्ञान हमें समंझ प्रदान करता है, सावधानी तो हमें स्वयं ही रखनी पड़ेगी|

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