(यजुर्वेद स्वामी दयानंद भाष्य मंत्र 25/7)
यजुर्वेद के एक मंत्र पर विचार
स्वामी दयानंद के यजुर्वेद भाष्य को लेकर कुछ मुस्लिम भाई शंका प्रस्तुत करते दिखे। उन्होंने यजुर्वेद 25:7 मंत्र का भाष्य समझने का प्रयास किया मगर वैज्ञानिक बुद्धि न होने के कारण अपनी अपरिपक्व सोच का उदहारण दे बैठे और वेदों को गड़रियों के गीत कहते दिखे।
Link- http://vedquran.blogspot.in/2010/03/blog-post_02.html
शंका- यजुर्वेद 25:7 के मंत्र में स्वामी दयानंद गुदा से सांप ले जाना लिखते हैं।
‘ हे मनुष्यों , तुम मांगने से पुष्टि करने वाले को स्थूल गुदा इंद्रियों के साथ वर्तमान अंधे सांपों को गुदा इंद्रियों के साथ वर्तमान विशेष कुटिल सर्पों को आंतों से , जलों को नाभि के भाग से , अण्डकोश को आंड़ों से , घोड़ों को लिंग और वीर्य से , संतान को पित्त से , भोजनों को पेट के अंगों को गुदा इंद्रिय से और “व्यक्तियों से शिखावटों को निरन्तर ले ओ । { यजुर्वेद 25:7 , दयानन्द भाष्य पृष्ठ 876 }
समाधान- स्वामी दयानंद वेदों को विज्ञान के न केवल अनुकूल समझते थे अपितु वेदों को सब सत्य विद्या आदि का मूल भी मानते थे। इस मंत्र का वैज्ञानिक भाष्य चिकित्सा विज्ञान से सम्बंधित हैं। मनुष्य के पेट में छोटी आँत (small intestine) और बड़ी आँत (large intestine) होती हैं। कहने को दोनों का कार्य भोजन का पाचन है मगर दोनों की ऊतक (histology) एवं क्रिया (function) में भेद होता हैं।
छोटी आँत (small intestine) के विषय में चिकित्सा विज्ञान:-
The main functions of the small intestine are digestion, absorption of food and production of gastrointestinal hormones. The small intestine secretes enzymes and has mucous producing glands.The mucosa is highly folded.Large circular folds called plicae circulares, smaller folds called villi, which are finger like mucosal projections, about 1mm long. the lining columnar epithelial cells have fine projections on their apical surfaces called microvilli. Together, these folds provide a huge surface area for absorption. Between the villi there are crypts, called crypts of Lieberkuhn, which extend down to the muscularis mucosae. These crypts are short glands.
Link:- http://www.histology.leeds.ac.uk/digestive/small_intestine.php
बड़ी आँत (large intestine) के विषय में चिकित्सा विज्ञान:-
The large intestine completes absorption, and retrieves water and sodium from the luminal contents which become fecal residue. It secretes large amounts of mucus, and some hormones, but no digestive enzymes.The thick mucosa has deep crypts, but there are no villi. The epithelium is formed of columnar absorptive cells with a striated border, many goblet cells, endocrine cells and basal stem cells, but no Paneth cells.
Link:- http://www.histology.leeds.ac.uk/digestive/large_intestine.php
इस वेद मंत्र में " स्थूल गुदा इंद्रियों के साथ वर्तमान अंधे सांपों को गुदा इंद्रियों के साथ वर्तमान विशेष कुटिल सर्पों को आंतों से " ऐसा लिखा हैं। मेरे विचार से यह छोटी आँत एवं उसके ऊतक (villi) एवं बड़ी आँत एवं उसके ऊतको का वर्णन हैं। जिसे यहाँ पर साँप कहा गया हैं वह epithelium अर्थात आँतों की सबसे अंदर की त्वचा का भाग हैं जो भोजन एवं पानी को ग्रहण करने का कार्य करती है का वर्णन हैं। कुटिल का अर्थ अधिक सुक्षम होना चाहिए।
शब्दों के वैज्ञानिक अर्थों को समझने के स्थान पर साँप से सर्प समझ लेना अपरिपक्वता का बोधक हैं। चिकित्सा विज्ञान में MBBS के प्रथम वर्ष के छात्रों को Histology के माध्यम से इस विषय से परिचित करवाया जाता हैं। खेद है कि इस मंत्र की समीक्षा करने वालो की बुद्धि का स्तर कितना निम्न हैं जो गुदा में सर्प ,से वैज्ञानिक सन्देश को समझने में असक्षम हैं।
डॉ विवेक आर्य
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