Friday, January 26, 2018

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम



ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम इति शहीद (१९६५) चलचित्रगीतस्य संस्कृतरूपान्तरणम्

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम
तेरी राहों में जां तक लुटा जाएंगे।
फूल क्या चीज़ हैं तेरे कदमों में हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जाएंगे॥
ऐ वतन ऐ वतन .....................॥
मातृभूः ! मातृभूः! ते पणामो वयम्।
त्वत्पथे जीवनं लोटयामो वयम्॥
पादयोस्तेऽर्पणाय पुष्कराणामलम्।
स्वीयमस्तकानुपायने वहामो वयम्॥
मातृभूः मातृभूः........................॥
कोई पंजाब से कोई महाराष्ट्र से।
कोई यू.पी. से है कोई बंगाल से॥
तेरी पूजा की थाली में लाए हैं हम।
फ़ूल हर रंग के आज हर डाल से॥
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है।
जोत से जोत दिल की जगा जाएंगे॥
ऐ वतन ऐ वतन.......................॥
कोऽपि पञ्जाबतः कोऽपि महाराष्ट्रतः।
यू.पि.तः कोऽपि वा कोऽपि बंगालतः॥
त्वत्कपूजाकृते स्थालिकायां सुमम् ।
अद्य चित्वाऽऽगताः स्मः क्षुपेभ्यः क्षुपम्॥
नाम कामं विभिन्नं समं भावनम्।
ज्योतिषा ज्वालयामो मनोज्योतिषम्॥
मातृभूः मातृभूः.........................॥
तेरी ज़ानिब उठी जो कहर की नज़र।
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम॥
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का।
उस कदम का निशां तक मिटा जाएंगे॥
जो भी दीवार अब आयेगी सामने।
ठोकरों से उसे हम गिरा जाएंगे॥
ऐ वतन ऐ वतन.....................॥
ईतयः कुदृशामुद्गतास्त्वामभि।
ताः निपात्यैव नीचैः श्वसामो वयम्॥
पादचारं न्यसेद् योऽपरस्ते स्थले ॥
पादचिह्नानि तस्याखनामो वयम्॥
भित्तिका या पुरः दर्शयेदुद्धताम्।
पादघातैः शिलाः त्रोटयामो वयम्॥
मातृभूः मातृभूः वाक्पणे स्मो वयम्।
त्वत्करथ्यासु स्वं लोटयामो वयम्॥

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