Tuesday, April 23, 2019

वैदिक संस्कृत के उपासक:महात्मा प्रेमभिक्षु जी


वैदिक संस्कृत के उपासक:महात्मा प्रेमभिक्षु जी

डॉ विवेक आर्य

(25 अप्रैल पुण्यतिथि के अवसर पर प्रकाशित)

निष्ठावान प्रचारक, कार्यकर्ता, लेखक वह पत्रकार श्री ईश्वारीप्रसाद प्रेम/ महात्मा प्रेमभिक्षु जी का जन्म मथुरा के करवै (देवनगर) में श्रवण कृष्णा 9 सम्वत 1981 विक्रमी को हुआ था। आपके पिता श्री पुरुषोत्तमदास जी निष्ठावान आर्यसमाजी थे। आपने ऍम.ए, साहित्यरत्न तथा सिद्धांत शास्त्री तक शिक्षा प्राप्त की थी। आप बालकाल से ही आर्यसमाज मथुरा में जाने लगे। 1942 में आप आर्यसमाज तिलकद्वार मथुरा के सदस्य बने। 1949 से 1958 तक मथुरा जिला आर्य उपप्रतिनिधि सभा के मंत्री रहे। 1954 में तपोभूमि मासिक पत्रिका का आपने प्रकाशन आरम्भ किया। जो आज भी प्रकाशित हो रहा है। 1960 में आपने विरजानन्द वैदिक साधना आश्रम की स्थापना की तथा इसके माध्यम से वैदिक परिवार निर्माण तथा वैदिक प्रचारक निर्माण का कार्य आपने किया। 1976 में आपने वानप्रस्थ आश्रम की दीक्षा ग्रहण कर महात्मा प्रेमभिक्षु नाम ग्रहण किया। आप वैदिक सिद्धांतों का अडिगता से पालन करने वाले थे। आप पञ्च महायज्ञ पर विशेष श्रद्धा रखते थे। ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना एवं अग्निहोत्र कर्म में आपकी विशेष रूचि थी। यही कारण था कि आप अपने पुत्र की समय मृत्यु पर भी धैर्य रखते हुए विचलित नहीं हुए। आपको गायत्री परिवार के संस्थापक श्री राम शर्मा ने अनेक प्रलोभन दिए गए। पर आप उनके किसी प्रलोभन में न आकर उनके द्वारा प्रोत्साहित किये जा रहे पाखंडों का खंडन करने में सत्य वैदिक धर्म के मंडन में लगे रहे। आपका पूरा जीवन वैदिक धर्म के सिद्धांतों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित रहा। महात्मा जी जैसे ऋषि दयानन्द के प्रचारकों को हम उनकी पुण्यतिथि पर नमन करते हैं।

आपने अपनी लेखनी से वैदिक सिद्धांतों का वृहद् स्तर पर प्रचार प्रसार किया। आपके द्वारा लिखी/सम्पादित पुस्तकें इस प्रकार हैं।

१. शुद्ध रामायण का सम्पादन
२. शुद्ध महाभारत
३. मानस पियूष - रामचरितमानस का संक्षिप्त संस्करण
४. सुमंगली- वैदिक विवाह पद्यति
५. रामायण एक सरल अध्ययन
६. नित्यक्रम विधि
७. दादी-पोती की बातें
८. गायत्री गौरव
९. विषपान-अमृतदान
१०. वैदिक स्वर्ग की झांकियां
११. योगदर्शन का संपादन
१२. पारवारिक कहानियां
१३. संगीत रत्नाकर का संपादन
१४. राष्ट्र निर्माण गीतांजलि
१५. अध्यात्म गीतांजलि
१६. शिव गीतांजलि
१७. परवचंद्रिका
१८. शुद्ध हनुमनचरित
१९. शुद्ध सत्यनारायण कथा
२०. महाभारत एक सरल अध्ययन
२१. शुद्ध मनुस्मृति
२२. भारतवर्ष का शुद्ध इतिहास
२३. चार मित्रों की बातें
२४. बोध कथाएं
२५. आर्यसमाज और मानव निर्माण
२६. श्री कृष्ण सन्देश
२७. रामायण काल
२८. रामभक्ति रहस्य
२९. बाल शिक्षा
३०. यज्ञमय जीवन-सात मन्त्रों की व्याख्या
३१. आचार्य श्री राम शर्मा-एक सरल चिंतन
३२. दयानन्द स्मृति ग्रन्थ का संपादन
आदि

आचार्य जी द्वारा रचित पुस्तकों को आप सत्य प्रकाशन, आचार्य प्रेमभिक्षु मार्ग, मसानी चौराहा, मथुरा से प्राप्त कर सकते है। संपर्कसूत्र- 05652406431, 9759804182

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