tag:blogger.com,1999:blog-1053318354450384140.post3450571841814740048..comments2024-02-26T01:11:09.990-08:00Comments on vedictruth: आशाराम बापू ,मीडिया एवं संतों-सन्यासियों के कर्तव्यvedic wisdomhttp://www.blogger.com/profile/16084853919572775109noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1053318354450384140.post-10889457607729841872018-08-05T22:26:28.505-07:002018-08-05T22:26:28.505-07:00अस्तेय
मन, वाणी और शरीर से चोरी का परित्याग करके ...अस्तेय<br /><br />मन, वाणी और शरीर से चोरी का परित्याग करके उत्तम कार्यों में तन, मन, धन से सहायता करना अस्तेय है। आज देश की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है। बड़े बड़े नेताओं से लेकर दफ्तर के छोटे कर्मचारी तक अपवाद रूप किसी किसी को छोड़कर सब इस पाप से धीरे धीरे ग्रसित हो गए है। यह भी एक प्रकार की चोरी ही है। किसी दूसरे के धन, संपत्ति आदि की इच्छा रखने से सबसे बड़ी हानि हमारी आंतरिक शांति का समाप्त हो जाना है। मनुष्य जीवन अनेक योनियों में जन्म लेने के बाद मिलता है। इस अमूल्य जीवन को हम इतनी अशांति में गुजार दे क्यूंकि हम सदा दूसरे के धन की इच्छा रखते रहे अथवा प्रयास करते रहे अथवा चोरी करते रहे। ऐसे करने वाले व्यक्ति को आप अज्ञानी नहीं कहेगे तो फिर क्या कहेगे? इसलिए मन, वचन और शरीर से चोरी का परित्याग करके हम इस रावण का नाश कर सकते है।<br />vedic wisdomhttps://www.blogger.com/profile/16084853919572775109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1053318354450384140.post-51317071344305963782018-07-22T07:29:04.685-07:002018-07-22T07:29:04.685-07:00Namaste Dr. Vivek Arya ji! Please could you includ...Namaste Dr. Vivek Arya ji! Please could you include the definition for the Asteya. Dhanyawaad!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14365501273626385457noreply@blogger.com